Sunday, August 14, 2016

रहीम

माँ तेरा मैं सौतेला बेटा,
मैं नतमस्तक हो जाऊँगा,
नियति तो है पाण्डवो की,
मैं भीष्म सा वचन निभाऊँगा।

तेरे शीष के खातिर चुप-चाप,
twitter, fb पर सब सुन जाऊँगा,
हाँ जब बात होगी हिफाज़त की तेरी,
मैं 'कलाम' सा कुछ बनाऊंगा।

विप्रो हो या सिपला, कोने-कोने,
कोटे बिन, तर्रक्की फैलाऊंगा,
माँ तेरा मैं सौतेला बेटा,
मैं नतमस्तक हो जाऊँगा।

इक़बाल का हो 'दर्द-ऐ-निहाँ',
या अशफ़ाक़ की 'बाद-ऐ-फ़ना' ज़िन्दगी,
माँ तेरा मैं सौतेला बेटा,
मैं मर कर, दिलो में जी जाऊँगा।

माँ अक्सर भाई मेरे, मुझे चिढाते हैं,
'पाकिस्तानी, पाकिस्तान जाओ' कहते है,
माँ तेरा मैं सौतेला बेटा,
मैं कितनी बार वनवास जाऊँगा ?

होते रहते है इम्तिहान मेरे ,
मैं अव्वल-अव्वल ही आऊँगा,
सड़को पर 'रहमान' सा लेकर तिरंगा,
मैं वन्दे मातरम् गाऊँगा।

माँ तू तो माँ है,
प्यार तुझी से पाउँगा,
कुछ बच्चे तेरे बिगड़ गए है,
मैं गीतों से उन्हें समझाऊँगा।

 -Tabish 'shohdah' Javed